अपना बिहार कुछ ऐसा हो, जहाँ खेतों में सालो भर हरियाली हो।
किसानों के माथे पर पसीना तो हो, पर ओठों पर मुस्कान हो।
कोई भी बेटी स्कूल जाने को न तरसे, और देर सवेर शाम को बेझिझक घर से बाहर निकल सके ।
अपना बिहार कुछ ऐसा हो कि कोई भी माता-पिता बेटी होने पर दुखी न हो।
बेटी ब्याहने के लिये न गैया बिके न खेत खलिहान बिके।
किसी का बेटा मजदूरी करने गुजरात व पंजाब न जाये ।
बिहार में उसके लिये भरपूर रोजगार हो, खेतों में पानी हो।
नदी नालों पर बाँध हो, आम लीची के लहलहाते बगान हो।
चीनी के सभी पुराने कारखाने फिर से चालू हो ।
भाई भाई में प्यार हो ,पड़ोसियों में तकरार न हो।
विक्रमशिला और नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुत्थान हो।
भारत ही नहीं पूरे विश्व में बिहार का अपना नाम हो।
हमारा बिहार ऐसा हो कि हम गर्व से कह सकें कि हम बिहारी हैं ।
हम गर्व से कह सकें कि हम बिहारी हैं, हम गर्व से कह सकें कि हम बिहारी हैं ।
जयहिन्द जयभारत वन्देमातरम
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