बेटे की माँ
एक विधवा अपनी तीन साल की बेटी के साथ बाग में टहलने आया करती थी । वहीं एक विधुर भी अपने चार साल के बेटे के साथ टहलने आया करते थे । दोनों बच्चों में दोस्ती हो गयी, वो आपस में घुल-मिल कर खेलते कूदते थे। एक दिन बच्चों ने अपने माता-पिता को एक दूसरे से मिलवाया। दोनों आपस में अभिवादन कर अपना अपना परिचय दिया।
ऐसे ही दोनों बाग में टहलते हुए आपस में मिलते रहे । महीना बीत गया, बेटे ने अपने बाप से कहा, पापा मुझे माँ और बहन का प्यार मिल गया है क्या आप उसे अपने घर ला सकते हैं? पिता सोच में पड़ गया और बोला बेटा हम इसपर विचार करेंगे । सप्ताह बाद पुरुष ने महिला से कहा, क्या आप मेरे बेटे की माँ बनना पसंद करेंगी? महिला मुस्कुराई और बोली, आप को बच्चों की माँ चाहिए या अपने लिये पत्नी? पुरुष मुस्कुराया और बोला मुझे तो बच्चों की माँ चाहिए । महिला बोली अगर आप ने अपने लिये पत्नी बोला होता तो मैं कतई इस रिश्ते के लिये हा नहीं करती । फिर दोनों एक दूसरे के आँखो में देखा और जीवन भर साथ साथ रहने के लिये फैसला कर लिया ।
जयहिन्द जयभारत वन्देमातरम
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