पति पत्नी की कहानी

पत्नी ने कहा तीन चौथाई जिंदगी आपकी सेवा में गुजार दी ।
अड़तालीस सालों से सेवा करते रहें हैं आपकी ।
पैंसठ साल हमारी उम्र हो गयी है, नाती नातिन भी बड़ी हो गयी हैं ।
क्या कभी शिकवा शिकायत की है आपसे, फिर अब इतने उखड़े उखड़े क्यों रहते हैं ।
मैंने उसे पास बिठाया और प्यार से समझाया, हम उखड़े उखड़े नहीं हैं , उम्र के साथ बड़े हो गये हैं ।
हम भी इतने वर्षों से तुम्हारी चाकरी में ही लगे हैं, माँ बाप भाई बहन से दूर हो गये हैं ।
सुबह निकलते ही आफिस चला जाता हूँ, शाम के पहले ही घर लौट आता हूँ ।
महीने भर की कमाई भी तेरे हाथ ही रखता हूँ , जो सब फरमाइश करती हो लेकर हाजिर होता हूँ ।
बच्चों के लिये दिन रात खटता हूँ , अपने लिये कभी नहीं सोचता हूँ ।
पर सच कहूँ, हमारे माँ बाप ने हमें शादी करके मिलाया है ।
प्यार क्या होता है ये शादी के बाद ही समझ आया है ।
न तुम सेविका हो और न मैं तुम्हारा चाकर हूँ, तुम तो चंदा हो और मैं चकोर हूँ ।
सात जन्मोंके रिश्तों में बंधा हम दोनों दो नहीं एक हैं ।
तुम चंदा मैं चकोर हूँ, तुम चंदा मैं चकोर हूँ ।
जयहिन्द जयभारत वन्देमातरम

Leave a comment