वो लड़की मुझे ऐसी नज़र से देखा था,
आँखों में कशिश और चेहरा उदास था।
भले घर की लड़की वो बैठी मेरी पास थी,
शादी के पहले ये मेरी पहली मुलाकात थी।
सावन की घटा पपीहे की प्यास थी।
आँखों को आँखों से ये पहली मुलाकात थी।
और उसे कुछ सुखद सुनने की आस थी।
हम भी उसे देखते रहे मन में कुरेदते रहे ।
न लव हिले न बात हुई ऐसे ही बरसात हुई।
आँखों ने आँखों की बात सुनी वो बात कही ।
हमारी ये चट मंगनी पट व्याह हुई ।
वो नज़र ही थी जो पहली नज़र की प्यार थी।
वो पहली नज़र की प्यार थी।
जयहिन्द जयभारत वन्देमातरम
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