हिन्दू सिक्ख सगे भाई हैं, एक ही माँ के लाल हैं ।
बड़ा बेटा है गुरू अमानत, हिन्दुओं के नाज है ।
रखवाले हैं हिन्दू धरम का, दुश्मनों के काल हैं ।
सीमा पर सबसे आगे वह, भारत माँ के लाल हैं ।
आँखो का तारा है भाई, माँ बहनों की लाज है।
नहीं कभी हम अलग हुए हैं, नहीं आपस में बैर है।
सगे भाई हम दोनों ही हैं , एक बड़े एक छोटे हैं ।
बेटी रोटी का रिश्ता है, आपस में हम एक हैं ।
एक ही माँ के हम बेटे हैं, सगे सगे हम भाई हैं ।
एक ही माँ के दो बेटे हैं, सगे सगे हम भाई हैं ।
वाहे गुरू की खालसा, जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल ।
जयहिंद-जयभारत-वन्देमातरम।
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