रमेशरी आज काफी परेशान थी। दो दिन हो गये हैं, उसका पति रमेश काम से वापस घर नहीं लौटा है । आस पड़ोस वालों से भी पता किया, पर उनलोगों को भी कुछ पता नहीं था। उसकी नयी नयी शादी हुई है, उसके लिए यह जगह अनजान थी , क्या करे या न करे यही सोच सोचकर वह परेशान थी । तभी उसका देवर देवेश आया और भाभी को गाँव चलने को कहा। रमेशरी को बताया कि दो दिन पहले माँ की तबियत अचानक खराब हो गयी थी। गाँव के डाक्टर की दवाई चल रही थी , पर कल अचानक ही माँ का देहांत हो गया, भैया के आफिस में बात बताई गई और भैया आपको बिना बताये उधर से ही गाँव चले गये थे। कल माँ का अंतिम संस्कार करने के बाद आज मैं आपको लने आया हूँ ।भैया ने मुखाग्नि दी है, अतः वे घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं । रमेशरी सासुमा की निधन की खबर सुनकर भौचक रह गयी और उन्हें यादकर वह फूट-फूट कर रोने लगी । पड़ोसी घर आ गये और यह जानकर उन्हें तसल्ली हुई कि रमेश सही सलामत है। उनलोगों ने रमेशरी को ढाढ़स दिया और देवर के साथ गाँव जाने में मदद की । दो दिन से परेशान रमेशरी पति के सकुशल गाँव में होने पर ईश्वर को धन्यवाद दिया और देवर के साथ गाँव लौट गयी ।
जयहिन्द जयभारत वन्देमातरम ।
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