हाय करोना हाय करोना, घर में बंद तुम किया करोना ।
नाते रिश्ते नौकर चाकर, सबको अलग कर दिया करोना ।
सूखा राशन चावल दाल, घी तेल और नमक मशाला ।
घर घर में सबको रखवाया, सबको रहना साथ सिखाया ।
दूध सब्जी का किया अकाल, घर बैठे सब हुए बेहाल।
हाय करोना हाय करोना, तुमने ऐसा किया कमाल ।
घर में रहकर देखा हमने, पत्नी करती कितने काम ।
बच्चों के संग रहकर सीखा, बच्चे होते हैं शैतान ।
माँ उनकी नादानी से, दिन भर रहती है परेशान ।
हँसना सीखा हमने भैया, पत्नी बच्चों के हम साथ ।
समय कहाँ मिलता था हमको, दिन भर करते थे हम काम ।
देर शाम जब घर आते थे, चैन नहीं था फिर भी काम ।
लैपटॉप पर करते रहते, घर में आफिस का ही काम ।
करोना तुमने बहुत सताया, फिर भी सबको दिया आराम ।
साफ सफाई हमें सिखलाया,मिलजुलकर करने को काम ।
मंदिर घर को बना दिया तुम, जीवन जीना सिखा दिया ।
पोल्यूशन को दूर भगाकर, सारी दुनियाँ को हर्षाया ।
एक हो गयी सारी दुनियाँ, ऐसा मंत्र तुम हमें दिया ।
भाई चारा देश प्रेम का, सबको ये संदेश दिया ।
करोना तुमको युगों युगों तक, याद करेगी सारी दुनियाँ ।
रूला रूला कर हमें हँसाया, सबको मिल रहना सिखलाया ।
कुछ खोकर तब हमने पाया, सारी दुनियाँ एक हो पाया ।
करोना तुमने हमें रूलाया, जाते जाते हमें मिलाया ।
जीवन जीना हमें सिखाया, जीवन जीना हमें सिखाया ।
जयहिन्द जयभारत वन्देमातरम ।
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