बुढ़ापे का दर्द

कहानी सच को दर्शाती है।
पर आज की पीढ़ी इसे नकारती है।
आप का ये फर्ज था, कहकर हमें सुनाती है।
अपना फर्ज वह भूल जाता है।
समय बहुत बलवान है,
उसे नहीं इसका ज्ञान है।
वह भी पछतायेगा, अपने बुढ़ापे में।
जब उसका भी बुरा हाल होगा ।
बच्चे उसे भी तरसायेंगे, रूलायेंगे।
तब अपना कर्म उसे याद आयेगा।
माँ बाप का दिल दुखाना उसे,
अंतिम समय उसकी याद दिलायेगा।
समय अभी भी शेष है,
माँ बाप का आदर करे ,
अपना बुढ़ापा सुखमय करे।
नयी पीढ़ी अभी भी चेत जाये।
माँ बाप की दुआ पाये।

जयहिन्द, जयभारत, वन्देमातरम।

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